Pratigya by Premchand
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Pratigya by Premchand

Instructor: Vayu Education of India

Language: HINDI

Validity Period: Lifetime

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मुंशी प्रेम चंद का जनम बनारस के निकट लेहमी गांव में सन 31 जुलाई 1880 में हुआ था ! उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी करने के अपरांत इक्कीस वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था ! उन्होंने लिखने की शुरुआत उर्दू भाषा से की ! उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का प्रथम संकलन ‘सोजे वतन’ के नाम से प्रकाशित हुआ ! प्रेमचंद जी ने सन 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की तथा सन 1930 से ‘हंस’ नामक एक ऎतिहासिक पत्रिका का सम्पादन भी किया ! उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कहानियाँ उपन्यास और वैचारिक निबंध लिखे ! उनकी रचनाओं में उनकी यही विशेषताये विध्समां हैं ! 8 अक्टूबर 1936 में मुंशीप्रेमचंद का बीमारी कारण निधन हो गया ! इस उपन्यास में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नए रुप में प्रस्तुत किया है प्रतिज्ञा का नायक विदुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि किसी नवयौवना का जीवन नष्ट ने हो ! नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है ! समाज के भूके भेड़िये उसके संचय को तोडना चाहते हैं !

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